
- लेंस की क्षमाता की परिभाषा दे।
Ans:– लेंस की क्षमता (Focal Length):-लेंस की क्षमाता वह गुण है जो स्थिर द्वारा परिवर्तित प्रकाश की किरण को एक बिंदु पर एक साथ फोकस करने की क्षमता लेंस की क्षमाता कहा जाता है।
2. दृष्टिदोष क्या है ? यह कितने प्रकार का होता है ?
Ans:- दृष्टिदोष (Visual impairment) :- आंख का ऐसा दोष जिसमें व्यक्ति की देखने की क्षमता कम होती है, जिससे वह सही तरीके से देख नहीं पाता हैं। ये दोष तीन प्रकार के होते हैं (i) निकट- दृष्टि (Myopia), (ii) दीर्घ – दृष्टि (Hypermetropia) तथा (iii) जरा दूरदृष्टिता (Presbyopia)।
3. किसी चालक के प्रतिरोध किन बातों पर निर्भर करता है ?
Ans:-किसी चालक (conductor) का प्रतिरोध (resistance) निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है:
- चालक का पदार्थ (Material of the conductor):
- प्रतिरोध उस पदार्थ की प्रकार पर निर्भर करता है जिससे चालक बना होता है। विभिन्न पदार्थों के विभिन्न प्रतिरोध होते हैं। उदाहरण के लिए, तांबा (copper) और एल्यूमीनियम (aluminum) के प्रतिरोधों में अंतर होता है। अच्छे चालक जैसे तांबे का प्रतिरोध कम होता है, जबकि उच्च प्रतिरोध वाले पदार्थ जैसे रेजिन या लकड़ी के चालक का प्रतिरोध अधिक होता है।
- चालक की लम्बाई (Length of the conductor):
- प्रतिरोध लम्बाई के सीधे अनुपाती होता है। अर्थात, यदि किसी चालक की लम्बाई बढ़ाई जाती है, तो उसका प्रतिरोध भी बढ़ेगा। इसे गणितीय रूप में इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है:
जहाँ ( R ) प्रतिरोध और ( L ) लम्बाई है।
- चालक का क्षेत्रफल (Cross-sectional area of the conductor):
- प्रतिरोध क्षेत्रफल के व्युत्क्रामी अनुपाती होता है। अर्थात, यदि चालक का क्षेत्रफल बढ़ाया जाता है, तो प्रतिरोध कम हो जाता है। यह इस प्रकार से व्यक्त किया जाता है:-
जहाँ ( A ) क्षेत्रफल है। इसलिए, अधिक मोटे तार का प्रतिरोध कम होगा।
- तापमान (Temperature):
- तापमान का भी चालक के प्रतिरोध पर प्रभाव पड़ता है। सामान्यत: जब तापमान बढ़ता है, तो अधिकांश पदार्थों का प्रतिरोध बढ़ता है। इस कारण गर्मी के प्रभाव से चालक के भीतर इलेक्ट्रॉनों की गति प्रभावित होती है, जिससे प्रतिरोध में वृद्धि होती है। उदाहरण के लिए, तांबे का प्रतिरोध उच्च तापमान पर बढ़ता है।
4. एमीटर और वोल्ट मीटर में अंतर लिखे?
एमीटर | वोल्ट मीटर |
1. इसका मुख्य उद्देश्य विद्युत धारा (electric current) को मापना होता है। | 1. इसका मुख्य उद्देश्य वोल्टेज या दाब (potential difference) को मापना होता है। |
2.इसे परिपथ (circuit) में श्रृंखला (series) में जोड़ा जाता है, | 2.इसे परिपथ में समानांतर (parallel) में जोड़ा जाता है, |
3.इसका प्रतिरोध बहुत कम होता है | 3.इसका प्रतिरोध बहुत अधिक होता है, |
4. यह आमतौर पर बहुत कम धारा (microampere से लेकर अम्पियर तक) को मापने के लिए डिजाइन किया जाता है। | 4. यह वोल्टेज के बड़े रेंज (मिलीवोल्ट से लेकर किलोवोल्ट तक) को मापने के लिए डिजाइन किया जाता है। |
5. अमीटर पर स्केल आमतौर पर विद्युत धारा (ampere) की इकाई में होता है। | 5. वोल्टमीटर पर स्केल वोल्टेज (volt) की इकाई में होता है। |
5. प्रकाश के वर्ण विक्षेपण से आप क्या समझते हैं?
Ans:- जब वह किसी पारदर्शी माध्यम, जैसे काँच या पानी, से होकर गुजरता है तो वह विभिन्न दिशाओं में विक्षेपित (bend) हो जाती हैं जिसे प्रकाश का वर्ण विक्षेपण कहते हैं।
6. आयोडिन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है?
Ans:- आयोडिन युक्त नमक (Iodized Salt) का उपयोग मुख्य रूप से आयोडिन की कमी को दूर करने के लिए किया जाता है, जो शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए आवश्यक है, जैसे थायरॉइड ग्रंथि द्वारा हार्मोन का उत्पादन। आयोडिन की कमी से गुहाई (Goiter), थायरॉयड समस्याएँ, और मानसिक विकास में कमी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
7. किनवन की क्रिया क्या है? इसमे कौन सी गैस निकलती है?
Ans:- किनवान की क्रिया (Kipp’s apparatus) एक रासायनिक यंत्र है जिसका उपयोग गैस उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। इसे विशेष रूप से हाइड्रोजन सल्फाइड गैस (H₂S) उत्पन्न करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
किनवान की क्रिया का उपयोग मुख्यतः हाइड्रोजन सल्फाइड गैस प्राप्त करने के लिए किया जाता है, जो रासायनिक प्रयोगों और उद्योगों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोगी होती है।
8. लोहे की वास्तु को जस्तीकरण क्यों किया जाता है?
Ans:- लोहे की वास्तु (Iron Structures) को जस्तीकरण (Galvanization) किया जाता है ताकि उसे जंग (रस्ट) और जंग लगने के कारण होने वाली क्षति से बचाया जा सके। जस्तीकरण में लोहे या स्टील की सतह पर जिंक (Zinc) की परत चढ़ाई जाती है, जो इसे बाहरी वातावरण से होने वाली प्रतिक्रिया से बचाती है।
9. मिश्रधातु किसे कहते हैं? मिश्रधातु के नाम और उसका उपयोग लिखे।
Ans:-मिश्रधातु: जब दो या दो से अधिक धातुओं को एक निश्चित अनुपात में मिलाया जाता है, तो प्राप्त नए पदार्थ को मिश्रधातु कहते हैं। मिश्रधातु में एक मुख्य धातु होती है, जिसमें अन्य धातुओं या अधातुओं को मिलाकर विशेष गुण विकसित किए जाते हैं, जैसे कि अधिक मजबूती, जंग प्रतिरोध, या ताप सहनशीलता।
मिश्रधातुओं के नाम और उनके उपयोग:
पीतल (Brass)
संरचना: तांबा (Copper) + जस्ता (Zinc)
उपयोग: संगीत वाद्ययंत्र, सजावटी सामान, नल की फिटिंग, बिजली के उपकरण।
कांसा (Bronze)
संरचना: तांबा (Copper) + टिन (Tin)
उपयोग: मूर्तियाँ, सिक्के, जहाज के हिस्से, मशीनरी।
इस्पात (Steel)
संरचना: लोहा (Iron) + कार्बन (Carbon)
उपयोग: इमारती ढांचे, वाहन, औजार, घरेलू उपकरण।
10. हैड्रोजन कार्बन क्या है? ये कितने प्रकार के होते हैं?
Ans:- हाइड्रोकार्बन:- हाइड्रोकार्बन ऐसे यौगिक हैं जो केवल हाइड्रोजन (H) और कार्बन (C) तत्वों से मिलकर बने होते हैं। यह कार्बनिक यौगिकों के सबसे सरल रूप होते हैं और प्राकृतिक रूप से पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस में पाए जाते हैं। हाइड्रोकार्बन ऊर्जा के प्रमुख स्रोत हैं और विभिन्न रासायनिक उत्पादों की संरचना में उपयोग किए जाते हैं।
हाइड्रोकार्बन के प्रकार
हाइड्रोकार्बन मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं:
उपयोग: रंग, प्लास्टिक, विस्फोटक, औषधियाँ।
संतृप्त हाइड्रोकार्बन (Saturated Hydrocarbons) या एल्केन (Alkanes)
इनमें केवल एकल (सिंगल) बंध होते हैं।
सामान्य सूत्र: CnH2n+2C_nH_{2n+2}CnH2n+2
उदाहरण: मीथेन (CH₄), एथेन (C₂H₆), प्रोपेन (C₃H₈)
उपयोग: घरेलू ईंधन, एलपीजी गैस।
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन (Unsaturated Hydrocarbons)
एल्कीन (Alkenes): इनमें कार्बन परमाणुओं के बीच कम से कम एक दोहरा (डबल) बंध होता है।
सामान्य सूत्र: CnH2nC_nH_{2n}CnH2n
उदाहरण: एथीन (C₂H₄), प्रोपीन (C₃H₆)
उपयोग: प्लास्टिक और रासायनिक उद्योग में।
एल्काइन (Alkynes): इनमें कार्बन परमाणुओं के बीच कम से कम एक तिहरा (ट्रिपल) बंध होता है।
सामान्य सूत्र: CnH2n−2C_nH_{2n-2}CnH2n−2
उदाहरण: एथाइन (C₂H₂), प्रोपाइन (C₃H₄)
उपयोग: वेल्डिंग और औद्योगिक प्रक्रियाओं में।
सुगंधित हाइड्रोकार्बन (Aromatic Hydrocarbons)
इनमें एक या अधिक बेंजीन रिंग होती है।
उदाहरण: बेंजीन (C₆H₆), टोल्यून (C₇H₈)
11. रक्त के जमने में पत्तियों की क्या भूमिका है?
Ans:- रक्त के जमने की प्रक्रिया में पत्तियों की भूमिका नहीं होती है। रक्त के जमने में प्रमुख भूमिका रक्त के घटकों, विशेष रूप से प्लेटलेट्स (Platelets) और कुछ विशिष्ट प्रोटीनों की होती है जिन्हें क्लॉटिंग फैक्टर्स कहा जाता है।
रक्त जमने की प्रक्रिया
रक्त जमने की प्रक्रिया को थक्का बनना (Blood Clotting) कहते हैं। यह एक महत्वपूर्ण शारीरिक प्रतिक्रिया है, जो किसी चोट के कारण रक्तस्राव को रोकने में मदद करती है। जब शरीर में कहीं चोट लगती है:
- रक्त में उपस्थित प्लेटलेट्स चोट वाली जगह पर इकट्ठा होकर आपस में चिपकने लगती हैं।
- ये प्लेटलेट्स एक जाल बनाते हैं, जिससे चोट को बंद करने में मदद मिलती है।
- क्लॉटिंग फैक्टर्स की मदद से फाइब्रिन नामक एक ठोस तंतु बनता है, जो थक्के को और मजबूत करता है।
इसलिए, पत्तियाँ रक्त जमने में कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं निभाती हैं। हालांकि, कुछ औषधीय पौधों की पत्तियों का उपयोग प्राकृतिक उपचार के लिए किया जाता है, जो घाव को ठीक करने में सहायक हो सकती हैं।
12. अपरा क्या है ? इसका क्या अर्थ है?
Ans:- अपरा: अपरा को सामान्य भाषा में नाल (Placenta) कहा जाता है। यह एक ऐसा अंग है जो गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के गर्भाशय में विकसित होता है।
अपरा का अर्थ और कार्य:
हार्मोन निर्माण: ऐसे हार्मोन बनाना जो गर्भावस्था को बनाए रखने में मदद करते हैं, जैसे कि प्रोजेस्टेरोन और एचसीजी (hCG)।
अर्थ: अपरा एक महत्वपूर्ण अंग है जो भ्रूण (गर्भ में पल रहे बच्चे) और माँ के बीच एक जीवनरेखा के रूप में कार्य करता है। यह गर्भावस्था के दौरान पोषक तत्वों और ऑक्सीजन को माँ के रक्त से भ्रूण तक पहुँचाता है और भ्रूण से अपशिष्ट पदार्थों को माँ के शरीर में वापस लाने में सहायक होता है, जिससे उन्हें बाहर निकाला जा सके।
कार्य:
पोषण: माँ के रक्त से पोषक तत्वों को लेकर भ्रूण को प्रदान करना।
गैस विनिमय: ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान करना।
रक्षा: भ्रूण को माँ के इम्यून सिस्टम से बचाना और संक्रमण से सुरक्षा देना।
13. न्यूरोट्रांसमीटर क्या है?
Ans:- न्यूरोट्रांसमीटर:- न्यूरोट्रांसमीटर ऐसे रासायनिक संदेशवाहक (chemical messengers) होते हैं, जो मस्तिष्क और शरीर के विभिन्न हिस्सों में तंत्रिका कोशिकाओं (neurons) के बीच संकेतों का आदान-प्रदान करने में मदद करते हैं। ये रसायन तंत्रिका तंत्र में एक न्यूरॉन से दूसरे न्यूरॉन, मांसपेशी कोशिकाओं, या ग्रंथियों तक संदेश पहुंचाते हैं।
न्यूरोट्रांसमीटर का कार्य:
जब कोई तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) एक संदेश भेजना चाहती है, तो वह न्यूरोट्रांसमीटर को रासायनिक रूप में छोड़ती है। ये न्यूरोट्रांसमीटर दूसरे न्यूरॉन की सतह पर स्थित विशेष रिसेप्टरों (receptors) से जुड़ते हैं, जिससे संदेश का प्रसारण होता है।
न्यूरोट्रांसमीटर के प्रकार और उनके कार्य:
कार्य: यह सतर्कता और ध्यान बढ़ाने में सहायक होता है। यह शरीर की “लड़ाई या उड़ान” (fight or flight) प्रतिक्रिया में भी भूमिका निभाता है।
डोपामाइन (Dopamine):
कार्य: यह खुशी, इनाम और प्रेरणा से जुड़ा होता है। यह मूड को नियंत्रित करने और मोटर गतिविधियों में भी भूमिका निभाता है।
सेरोटोनिन (Serotonin):
कार्य: यह मूड, नींद, भूख, और पाचन को नियंत्रित करता है। सेरोटोनिन का असंतुलन अवसाद और चिंता जैसी मानसिक समस्याओं से जुड़ा होता है।
एसिटाइलकोलाइन (Acetylcholine):
कार्य: यह मांसपेशियों के संकुचन (muscle contraction) और स्मृति तथा सीखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
गाबा (GABA – Gamma-Aminobutyric Acid):
कार्य: यह मस्तिष्क में अवरोधक (inhibitory) न्यूरोट्रांसमीटर है, जो तंत्रिका गतिविधियों को धीमा करके तनाव और चिंता को कम करता है।
14. पिट्यूटरी ग्रंथी को मास्टर ग्रंथी क्यों कहा जाता है?
Ans:- पिट्यूटरी ग्रंथि मस्तिष्क के आधार में स्थित होती है और हाइपोथैलेमस (hypothalamus) के निर्देशों पर काम करती है। यह ग्रंथि शरीर की अन्य ग्रंथियों को नियंत्रित करके और उन्हें हार्मोन छोड़ने का निर्देश देकर पूरे शरीर के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखती है। इस कारण इसे मास्टर ग्रंथि कहा जाता है।